लिवर के कार्य एवं खराब होने के लक्षण, कारण एवं बचाव उपाय

लिवर हमारे शरीर का एक बेहद महत्त्वपूर्ण अंग है। यह हमारे पेट में ऊपर दाईं तरफ पसलियों एवं डायाफ्राम के नीचे तथा दाहिने गुर्दे, पेट एवं आंत के ऊपर होता है। स्वस्थ लिवर का रंग लालिमायुक्त-भूरा एवं वजन 1.8 kg तक होता है।

यह हमारे शरीर में मुख्यतः पाचन एवं खून को साफ करने का काम करता है लेकिन इसका कार्य बहुत ही विस्तृत है एवं लगभग 500 महत्त्वपूर्ण कार्यों का पहचान किया जा चुका है।

लिवर के कुछ महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार हैं-

  • इसके द्वारा पित्त(bile) का निर्माण किया जाता है जो छोटी आंत में वसा को पचाने एवं अपशिष्ट को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • शरीर में वसा को पहुंचाने की लिए कोलेस्ट्रॉल और विशेष प्रोटीन का निर्माण करता है
  • बचे हुए ग्लूकोस को संरक्षित करता है एवं आवश्यकता पड़ने पर उसे उपलब्ध करता है
  • खून से दवा एवं अन्य हानिकारक तत्वों को निकालकर रक्त को साफ रखता है
  • अमोनिया(प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म से निकलने वाला हानिकारक तत्व) को यूरिया के रूप में परिवर्तित करता है जो मूत्र के रास्ते बाहर निकल जाता है
  • रोग प्रतिरोधक कारक का निर्माण करता है एवं रक्त से बैक्टीरिया को बाहर निकालकर संक्रमण से बचाता है

इतना महत्त्वपूर्ण कार्य करने वाला अंग यदि खराब हो जाए तो शरीर में कई तरह कि समस्याएं आ सकती हैं इसलिए इसकी पहचान होना काफी जरूरी है। इसलिए चलिए जानते हैं कि लिवर खराब होने लगे तो किस प्रकार के लक्षण आ सकते हैं-

लिवर खराब होने के लक्षण(liver kharab hone ke lakshan)

यदि आपका लिवर दीर्घकालिक बिमारी के कारण खराब होता है तो ऐसा जरूरी नहीं की शुरू में आपको कोई लक्षण महसूस हों लेकिन कुछ सामान्य लक्षण जैसे थकान रहना, भूख कम लगना, उलटी जैसे लगना आदि महसूस हो सकता है। लेकिन ये लक्षण अन्य बिमारी या बिना किसी बिमारी के भी हो सकते हैं।

हालांकि कुछ दिन बाद जब आपके लिवर का कार्य प्रभावित होने लगता है तब आपको कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। सबसे पहले आपका पाचन खराब होना शुरू होता है क्योंकि लिवर खराब होने से पित्त का बनना एवं छोटी आंत में जाना प्रभावित होता है। इसके अलावा लिवर खराब होने पर निम्न लक्षण आ सकते हैं-

  • भूख न लगना
  • वजन कम होना
  • उल्टी होना या मतली आना
  • लगातार थकान बने रहना
  • पेट में दर्द बने रहना
  • पाचन खराब रहना

बिमारी अधिक बढ़ जाने पर लिवर खराब होने के लक्षण

पीलिया

लिवर जब खराब होने लगता है तो बिलिरूबिन को पूरी तरह से शरीर के बाहर नहीं निकाल पाता है जिसके कारण यह रक्त में इकट्ठा होने लगता है और उसके बाद त्वचा में जाकर जमने लगता है। इसी के फलस्वरूप हमारे त्वचा, आँख, जीभ आदि पीले रंग के हो जाते हैं और इसी को पीलिया कहा जाता है।

पेट में पानी भरना(एसाइटिस)

लिवर जब अधिक खराब हो जाता है तो पेट में प्रोटीन युक्त पानी भरने लगता है। यह ज्यादातर लिवर सिरोसिस के कारण होता है जो फैटी लिवर या दीर्घकालिक वाइरल हेपेटिटिस के कारण होता है। इसके अलावा यह अधिक शराब का सेवन करने वाले लोगों में अल्कोहल हैपेटाइटिस के कारण भी हो सकता है।

पेट में पानी भरने कि समस्या अन्य बिमारी में भी हो सकती है जैसे कैंसर, दिल का दौरा, किड्नी का खराब होना आदि।

चोट लगने पर खून का जल्दी से नहीं रुकना

लिवर खराब होने के कारण उस प्रोटीन का निर्माण नहीं कर पाता जो रक्त के थक्का बनने में सहायक होता है और इसके फलस्वरूप यदि कहीं छोटी सी भी चोट लग जाए तो रक्त जल्दी से नहीं रुकता, इसे ब्लीडिंग डिसॉर्डर भी कहते हैं। ये भी अन्य बिमारी में हो सकता है।

दिमाग का ठीक से काम न करना(हैपेटिक एन्सेफैलोपैथी)

लिवर अधिक खराब होने कि स्थिति में विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाता है और ये रक्त में जमा होने लगता है जो दिमाग के कार्य को प्रभावित करता है जिसके फलस्वरूप रोगी को मानसिक लक्षण जैसे चिड़चिड़ापन, भ्रम होना आदि हो सकता है।

उल्टी या दस्त के साथ रक्त आना

हमारे सभी पाचन अंग जैसे पेट, अग्न्याशय, आंत आदि से पोर्टल वीन के जरिए रक्त लिवर तक पहुंचता है। लेकिन लिवर खराब होने कि स्थिति में यह रक्त, लिवर के जरिए आगे नहीं बढ़ता एवं वापस आने लगता है, जिसके कारण इन शिराओं(वीन) में रक्त इकट्ठा होने लगता है। इसके फलस्वरूप इन शिराओं में फैलाव एवं दाब बढ़ता है जिसके कारण इनमें क्षति होने के कारण ये फट सकती हैं एवं रक्त स्त्राव हो सकता है।

यह रक्त स्त्राव ऊपरी ये निचले पाचन मार्ग में हो सकता है जो उल्टी या मल के साथ बाहर आ सकता है।

किड्नी खराब होना

लिवर खराब होने के साथ किड्नी का खराब होना बहुत ही गंभीर हो जाता है। लिवर खराब होने के कारण किड्नी में रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाएं सिकुण कर पतली हो जाती हैं जिसके कारण किड्नी तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुँच पाता और लिवर के साथ किड्नी का कार्य भी प्रभावित होता है एवं खराब होने लगता है। इसे हेपेटोरेनल सिंड्रोम भी कहा जाता है।

यह समस्या अचानक से हो सकती है चाहे भले ही आपकी किड्नी पहले से पूरी तरह से स्वस्थ हो उसे रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं मिलने पर स्वस्थ किड्नी भी ठीक से काम नहीं कर पाती। यह लिवर के अधिक खराब होने पर होता है लेकिन यह बहुत ही गंभीर स्थिति होती है।

ऊपर दिए गए लक्षणों के अलावा लिवर खराब होने पर त्वचा में खुजली होना, शरीर में सूजन, पेशाब का रंग गाढ़ा होना, शरीर में संक्रमण बढ़ना आदि लक्षण दिख सकते हैं।

लिवर खराब होने के कारण (liver kyu kharab hota hai)

लिवर दो प्रकार कि बिमारियों के कारण खराब हो सकता है एक दीर्घकालिक जो लंबे समय(महीनों या वर्षों) से चलती आया रही होती है और धीरे-धीरे लिवर को खराब करती है। दूसरी अल्पकालिक बिमारी के कारण जो अचानक से होता है एवं कुछ समय में व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार कर देता है।

बिमारी के अलावा हमारा खराब खानपान एवं जीवनशैली भी लिवर खराब होने का कारण बन सकता है। वैसे तो लिवर खराब होने के सैकड़ों कारण हैं लेकिन चलिए कुछ मुख्य कारणों के बारे में जानते हैं-

  • वायरस का इन्फेक्शन हेपेटाइटिस A,B,C एवं E ऐसे वायरस हैं जो सीधे लिवर पर आक्रमण करते हैं। इसमें खासतौर पर हेपेटाइटिस B एवं C के कारण दीर्घकालिक इन्फेक्शन होता है और ये लंबे समय तक शरीर में रहते हुए लिवर को खराब करता है। वहीं हेपेटाइटिस A एवं E कुछ समय के लिए होता है एवं इससे लिवर को स्थायी नुकसान नहीं होता है।
    इसके अलावा एपस्टीन-बार वायरस, साइटोमेगालो वायरस और हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस के कारण भी अल्पकालिक समय के लिए लिवर को नुकसान हो सकता है।
  • शराब पीने के कारण हुआ हेपेटाइटिस अत्यधिक शराब का सेवन करने से लिवर को काफी नुकसान पहुंचता है एवं अधिक समय तक इसका सेवन करने से लिवर सिरोसिस और फिर अंततः लिवर फेल भी हो सकता है।
  • शराब नहीं पीने वाले लोगों में फैटी लिवर कि बिमारी के कारण जो लोग शराब का सेवन नहीं भी करते हैं उनमें भी कुछ स्वास्थ्य समस्यायों के कारण लिवर खराब हो सकता है जैसे कि मोटापा, लंबे समय तक रक्त में शर्करा की अत्यधिक मात्रा, रक्त में लिपिड(वसा) का अधिक होना आदि।
    इन सब कारणों से लिवर में अतिरिक्त वसा जमा हो जाता है जिसके कारण लिवर में सूजन बढ़ता है एवं लिवर को खराब करता है।
  • जहरीले पदार्थ के संपर्क में आने से हुआ हेपेटाइटिस लंबे समय तक औद्योगिक रसायन या दवा जैसे जहरीले पदार्थ के संपर्क में रहने से लिवर में हेपेटाइटिस हो सकता है और लिवर को खराब कर सकता है। यदि रसायन या पदार्थ की मात्रा अधिक हुई एवं वो अधिक जहरीला हुआ तो अचानक से तुरंत लिवर के लिए खतरनाक हो सकता है।
  • स्व-प्रतिरक्षित बिमारी के कारण स्व प्रतिरक्षित बिमारी के कारण भी लिवर खराब हो सकता है जिसमें हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति ही हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती है। हालांकि ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है।
  • कुछ दवा के कारण कुछ दवाओं के अत्यधिक इस्तेमाल या एक ही बार में अधिक मात्रा में लेने से लिवर को नुकसान हो सकता है। जैसे कि पैरासिटामोल, इसके अधिक मात्रा में इस्तेमाल के कारण बहुत से लोगों में लिवर खराब होने की समस्या पाई गई है। इसके अलावा कुछ और दवाओं के कारण भी लिवर खराब हो सकता है, इसलिए इनका इस्तेमाल सदा डॉक्टर के निर्देश अनुसार करना चाहिए।
  • दिल कि बिमारी ऐसी कोई भी बिमारी जो लिवर में रक्त के प्रवाह को बाधित करती है उससे लिवर खराब हो सकता है जैसे कि दाहिने तरफ दिल का विफल(फेल) होना, धमनियों का रोग आदि।

खराब हुए लिवर के इलाज

खराब हुए लिवर का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है, एवं सभी का इलाज अलग-अलग ढंग से किया जाता है। इसमें दवा और परहेज दोनों की जरूरत होती है। जैसे कि यदि किसी का हेपेटाइटिस वायरस के कारण लिवर खराब हो रहा है तो एंटी वाइरल दवाएं दी जाएंगी आदि। इसके अलावा यदि लिवर खराब हो रहा है तो शराब का सेवन बंद करने एवं नमक का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

पूरी तरह से खराब हो चुके लिवर के हिस्से को तो ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन यदि समय पर इलाज हो जाए तो लिवर को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। इलाज का उद्देश्य यह रहता है कि जितना लिवर बचा है उसे और खराब न होने दिया जाय। लेकिन यदि लिवर बहुत अधिक खराब हो चुका हो तो लिवर का प्रत्यारोपण करना ही एकमात्र इलाज है।

लिवर को स्वस्थ रखने के उपाय

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए उचित आहार एवं जीवनशैली आवश्यक है। चूंकि हेपेटाइटिस B एवं C अन्य उससे पीड़ित व्यक्ति के रक्त या उसके शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है इसलिए इससे बचना चाहिए। इसके साथ ही आपको निम्न बातों ध्यान रखना चाहिए ताकि आपका लिवर स्वस्थ रहे-

  • कोई भी दवा अपनी मर्जी से ना खाएं हमेशा डॉक्टर की सलाह लें
  • शराब का सेवन सीमित मात्रा में करें या बेहतर होगा की न करें
  • हेपेटाइटिस A और B वायरस के लिए टीकाकरण करवाएं
  • साफ सफाई का ध्यान रखें
  • यदि एक से अधिक साथी के साथ सेक्स करते हैं तो कान्डम का इस्तेमाल अवश्य करें
  • किसी अन्य व्यक्ति के रक्त या तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में ना आयें जैसे की सुई से चुभना, नाई कि दुकान पर एक ही पत्ती एक से अधिक लोगों पर इस्तेमाल करना आदि से बचें
  • जहरीले पदार्थ के संपर्क में आने से बचें
  • अपना वजन नियंत्रित रखें एवं क्रियाशील बने रहें


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

लिवर की बीमारी में मरीज को क्या क्या परेशानियां होती है?

लिवर कि बिमारी में मरीज को शरुआत में सामान्य लक्षण आ सकते हैं मतली या उलटी होना, भूख न लगना, अपने से वजन घटने लगना, लगातार थकान बने रहना आदि। लेकिन बिमारी बढ़ जाने पर गंभीर लक्षण जैसे पीलिया, पेट में पानी भरना, शरीर में सूजन होना, उल्टी या मल के साथ रक्त आना, दिमाग का ठीक से काम न करनाआदि परेशानियाँ हो सकती हैं।

किडनी और लिवर खराब होने के लक्षण

लिवर खराब होने के कारण किड्नी का खराब होना बहुत ही गंभीर स्थिति होती है एवं ये लिवर के अत्यधिक खराब होने के बाद अचानक से हो सकता है। इसमें लिवर खराब होने के लक्षण के साथ किड्नी खराब होने के लक्षण जैसे शरीर में सूजन, पेशाब अत्यधिक या अल्प मात्रा में होना, ब्लड प्रेशर बढ़ना आदि लक्षण हो सकते हैं।

लिवर को साफ कैसे करें?

लिवर को साफ रखने के लिए आपको केवल उचित खानपान एवं क्रियाशील दिनचर्या के साथ नुकसान करने वाले पदार्थों जैसे शराब से परहेज रखने कि जरूरत है। क्योंकि लिवर खुद ही पूरे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता और खुद को भी स्वयं ही साफ कर सकता है।

इसके अलावा लिवर को साफ रखने के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हैं-

  • शराब कि मात्रा सीमित करें या बेहतर होगा की शराब पिना छोड़ दें
  • दवा के इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर के निर्देश अनुसार करें
  • लिवर के लिए अच्छे आहार का सेवन करें जैसे विभिन्न प्रकार के भोजन लें, पर्याप्त मात्रा में फ़ाइबर लें, पर्याप्त पानी पियें, अत्यधिक तेल चीनी एवं नमक के सेवन से बचें, कॉफी का सेवन करें आदि
  • नियमित व्यायाम करें

सारांश

लिवर खराब होने के प्रारंभ में बहुत ही सामान्य लक्षण देखने को मिलता है जो अन्य बीमारी में भी हो सकता है, लेकिन जब लिवर अधिक खराब होने लगता है तो इसके गंभीर लक्षण जैसे पीलिया, एसाइटिस, हैपेटिक एन्सेफैलोपैथी आदि लक्षण दिखते हैं।

खराब हो रहे लिवर का इलाज उसके कारण के अनुसार अलग-अलग होगा। इसका इलाज किसी कुशल डॉक्टर से कराना चाहिए।

अस्वीकरण : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है एवं इसका उपयोग चिकित्सा के लिए नहीं किया जा सकता। अधिक जानकारी या चिकित्सकीय सलाह के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इस वेबसाईट पर मौजूद किसी भी जानकारी के लिए स्वस्थ सवेरा के लेखक या मालिक जिम्मेदार नहीं होंगे।

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